PM Matra Vandana Registration 2025: दोस्तों केंद्र सरकार ही नही बल्कि राज्य सरकार भी अब हर नई योजना में महिलाओ को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में प्राथमिकता दे रही है।इसी क्रम में भारत सरकार ने देश की माताओं को सशक्त बनाने और सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए “प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)” शुरू की है। इस योजना के तहत अब महिलाओं को ₹15000 तक की सहायता राशि प्रदान की जा रही है, जिससे गर्भावस्था के दौरान पोषण और देखभाल सुनिश्चित हो सके।यह कदम माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया है।आपको बता दे की इस योजना को 1 जनवरी, 2017 से लागु किया है और इस योजना को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा है।
उद्देश्य
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) का मुख्य उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनकी पोषण स्थिति और स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। यह योजना भारत सरकार द्वारा मातृत्व लाभ सुनिश्चित करने के लिए चलाई गई है, जिस से माताओं और नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम किया जा सके।इस योजना के उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानते है, जो की निम्नलिखित है:
- गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता देना: महिलाए गर्भावस्था के दौरान काम ने कर पाने से आय में कम होने के करना उचित पोषण और आराम से वंचित हो जाती हैम, इसलिए इस योजना के माध्यम से महिलाओ को 5000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना: इस योजना के माध्यम से महिलाओ को आंगनवाडी, सरकारी अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से जोड़ी है, जिससे वे समय रहते ANC चेकअप करवा सके और गर्भावस्था के दौरान महिलाए समय पर प्रसवपूर्व जांच, टीकाकरण और स्वास्थ्य परामर्श ले सकें।
- मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना: उचित देखभाल और पोषण से माँ और बच्चे दोनों के जीवन को सुरक्षित बनाना।
- महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके स्वास्थ्य के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना।
लाभ
प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के माध्यम से पहली बार गर्भवती होने पर महिला को तीन किस्तों में योजना का लाभ मिलता है। योजना की राशि सीधे महिला के बैंक खाते में ट्रान्सफर कर दी जाती है। इसमें पहली क़िस्त तब दी जाती है जब महिला आंगनवाडी केंद्र पर गर्भधारण करने का पंजीकरण करवाती है तब केंद्र सरकार द्वारा 1000 रूपये दिए जाते है और राज्य सरकार द्वारा समय महिलाओ को 3000 रूपये दिए जाते है और दिव्यांग महिलाओ को 4000 रूपये दिए जाते है।
दूसरी क़िस्त की बात करे तो प्रसव पूर्व कम-से-कम एक बार जाँच करने पर और गर्भधारण करने के 6 महीने बाद केंद्र सरकार द्वारा 2000 रूपये एवं राज्य सरकार द्वारा सामान्य महिलाओ को 1500 रूपये एवं दिव्यांग महिलाओ को 3000 रूपये दिए जाते है।
आखरी क़िस्त तब दी जाती है, जब बच्चे के जन्म का पंजीकरण करवा दिया हो और उसे पहला टिका लगवा दिया हो तो तब केंद्र सरकार द्वारा 2000 रूपये तथा राज्य सरकार द्वारा सामान्य महिलाओ को 2000 रूपये एवं दिव्यांग महिलाओ को 3000 रूपये दिए जाते।
कुल मिलाकर बात करे तो पहली बार माँ बनने पर केंद्र सराकर द्वारा 5000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है और राज्य सरकार द्वारा सामान्य महिलाओ को 6500 रूपये और दिव्यांग महिलाओ को 10,000 रूपये की आर्थिक सहायता की जाती है।
पात्रता
इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित पात्रता को पूरा करना होगा:
- पहली बार माँ बनने पर लाभ मिलेगा।
- महिला की उम्र गर्भधारण करते वक्त 19 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- पहले से किसी और योजना का लाभ न उठा रही हो।
- भारत की नागरिक होनी चाहिए।
- महिला का आधार कार्ड और खुला हुआ बैंक खाता होना चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। आज आपको इस लेख के माध्यम से आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
- ऑफलाइन माध्यम से आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको नजदीकी के आंगनवाडी केंद्र या सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाना होगा। वहा से आवेदन फॉर्म ले कर जमा करवा देना होगा।
- ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जा कर आवेदन करना होगा।
- यह आवेदन CSC सेंटर के माध्यम से भी किया जा सकता है।
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