NTT Course 2025: अब से शिक्षक बनना हुआ आसान, 12 पास भी आसानी से शिक्षक बन सकते है। आपको बता दे 15 साल के लंबे अंतराल के बाद फिर से NTT (Nursery Teacher Training) कोर्स शुरू किया जा रहा है।अब इस कोर्स को एक नया नाम डिप्लोमा इन प्री एजुकेशन कोर्स के नाम से जाना जा रहा है। इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष की है। इस कोर्स को पूरा करने के लिए अब युवाओ को बी.एड करने की बिलकुल आवश्यकता नही होगी। यह बदलाव शिक्षा व्यवस्था में सुधार और नर्सरी स्तर पर उच्च गुणवत्ता के शिक्षक तैयार करने के उद्देश्य से किया गया है।NTT कोर्स की वापसी शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, बच्चों की शुरुआती शिक्षा को बेहतर बनाने और युवाओं विशेषकर महिलाओं को रोजगार देने के लिए की गई है। यह कदम भारत के शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय खोलने जा रहा है।
प्रारंभिक शिक्षा में 2 वर्षीय अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्रम डीएलएड के साथ-साथ अब राज्य की डाइट नर्सरी टीचर ट्रेनिंग कोर्स भी करावेगी। यह कोर्स को पूरा करने के पश्चात राज्य में प्री प्राइमरी शिक्षकों की वैकेंसी में शामिल हो सकते हैं राज्य सरकार की ओर से इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली है।आज आपको इस लेख में इस कोर्स के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
NTT कोर्स क्या है?
NTT यानी नर्सरी टीचर ट्रेनिंग, एक ऐसा कोर्स है जो बच्चों को शुरुआती शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षित करता है। इसमें प्रशिक्षुओं को बच्चों की मनोविज्ञान, खेल-आधारित पढ़ाई, रचनात्मक शिक्षण तकनीकों आदि की जानकारी दी जाती है।इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष है।इस कोर्स को पूरा करने के बाद में आसानी से शिक्षक बन सकते है।
पात्रता
इस कोर्स को पूरा करने के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित पात्रता कप पूरा करना होगा:
- अभ्यर्थी मान्यता प्राप्त संस्थान से 12 वीं पास होना चाहिए।
- इसके साथ में 12 वीं कक्षा 50% से अधिक अंक होने चाहिए।
- अभ्यर्थी की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष है।इस कोर्स को पूरा करने के बाद में आसानी से शिक्षक बन सकते है।
NTT कोर्स फिर से क्यों शुरू किया गया?
नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (NTT) कोर्स को राज्य में अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी राज्य के स्कूल एवं पीएम श्री विद्यालयों में प्राइमरी शिक्षकों की कमी होने के कारण से शुरू किया गया है, जिसके द्वारा नई शिक्षा नीति के माध्यम से पिछले वर्ष नवंबर में 3 साल के लिए प्री प्राइमरी स्कूलों के संचालन की अनुमति दी गई थी लेकिन इन विद्यालय में प्री प्राइमरी शिक्षक नहीं होने के कारण प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा सकता था। जिसकी वजह से NTT कोर्स को फिर से शुरू किया गया है। NTT कोर्स की वापसी उन सभी युवाओं के लिए वरदान साबित हो सकती है जो कम उम्र में शिक्षा क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं।
एनटीटी कोर्स के लिए 2010 में थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन प्राप्त किए गए थे, लेकिन उसके बाद में राज्य सरकार ने सभी संस्थाओं से मान्यता वापस ले ली गई थी। 2010 से पहले NTT कोर्स अनिवार्य था और उसके बाद में किसी भी प्रकार की थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती का आयोजन नहीं करवाया गया था। लेकिन एक बार फिर से राज्य सरकार द्वारा थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए एनटीटी कोर्स को मंजूरी दे गई है ।
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