Kusum Solar pump Yojana Phase-2: भारत कृषि प्रधान देश है और हमारे देश की एक बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है। कृषि के क्षेत्र में सिंचाई का महत्व सर्वोपरि है, लेकिन बिजली की अनियमितता और डीजल के बढ़ते दामों के कारण किसान अक्सर परेशान रहते हैं। इसी समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार ने कुसुम सोलर पंप योजना (KUSUM योजना) की शुरुआत की, जिसका फेज-II शुरू किया गया है और फेज-II किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित हो रहा है।
आपको बता दे की कुसुम सोलर पंप सब्सिडी योजना के फेज-II के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।आइए, इस योजना के बारे में विस्तार से जानें और समझें कि यह किस प्रकार किसानों के जीवन में बदलाव ला रही है।
सोलर पंप सब्सिडी योजना क्या है?
कुसुम सोलर पंप योजना का पूरा नाम है प्रधानमंत्री कुसुम योजना (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान)। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से सिंचाई के लिए आवश्यक बिजली उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप स्थापित करने में सहायता दी जाती है, जिससे वे अपनी कृषि के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं और इससे किसानो को बिजली बिलो से राहत मिलती है और इसके साथ में मुफ्त बिजली उपलब्ध होती।
इस योजना का फेज-II किसानों को विशेष लाभ प्रदान करता है, जिसमें मुख्य रूप से सोलर पंप की लागत पर सब्सिडी, ग्रिड से जुड़ने की सुविधा और अतिरिक्त सौर ऊर्जा को बेचने का अवसर शामिल है। यह योजना न केवल किसानों को बिजली की समस्याओं से छुटकारा दिलाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती है।
लाभ
- बिजली की बचत – किसानों को सोलर पंप सेट उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे उनकी बिजली की लागत में कमी आती है। सोलर पंप के जरिए किसानों को मुफ्त में बिजली मिलती है।आपको बता दे इस योजना के तहत किसानो को 25 साल तक सिंचाई कर लिए मुफ्त बिजली मिलती है।
- सिंचाई की सुविधा – यह योजना उन क्षेत्रों के किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जहां बिजली की कमी या अनियमितता बिजली आपूर्ति के कारण सिंचाई में कठिनाइयां होती हैं।इस योजना के माध्यम से किसान अपनी खेती के लिए बिजली पर निर्भरता कम कर सकते हैं और स्वतंत्र रूप से अपने फसलों की सिंचाई कर सकते हैं।
- आय में वृद्धि – किसान अपने खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पंप का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, बचे हुए सौर ऊर्जा को ग्रिड में बेचकर अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर सकते हैं।
- सरकार की सब्सिडी – सरकार किसानों को सोलर पंप की लागत पर सब्सिडी प्रदान करती है। इस योजना के तहत सोलर पंप की कुल लागत का लगभग 60% सरकार द्वारा वहन किया जाता है, जबकि किसान को सिर्फ 40% हिस्सा देना होता है।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- आवेदन कर्ता का पंजीकरण प्रमाण पत्र
- प्राधिकरण पत्र जो आवेदनकर्ता को योजना के तहत पंप लगाने की अनुमति देता हो।
- भूमि से सम्बंधित सभी दस्तावेज
- वित्तीय स्थिति का प्रमाण पत्र
- बैंक का विवरण
- मोबाइल नंबर
- पास पोर्ट साइज्ड फोटो
आवेदन प्रक्रिया
आपको कुसुम सोलर पंप योजना के फेज-II में आवेदन करने के लिए कुछ स्टेप्स को फॉलो करना होगा, जो आपको इस आर्टिकल में निचे की और दे रखी है।
- आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- वेबसाइट ओपन होने के बाद आपको होम पेज पर “Programs” पर क्लिक करना होगा।
- अब आपको मेनू से “Solar Energy Program” पर क्लिक करना होगा।
- अब आपके सामने नया पेज खुलेगा जहा आपको “Kusum Yojana” पर क्लिक करना होगा।
- अब आपको रजिस्ट्रेशन फॉर्म को भरना होगा, उसमे जो जानकारी माँगी गई है वे सही से भर दे और उसके बाद आप “Register” विकल्प पर क्लिक करना होगा।
इस तरह आप आसानी से किसान कुसुम सोलर पंप योजना के फेज-II के लिए आवेदन कर सकते है।
निष्कर्ष
कृषि में सिंचाई की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन पारंपरिक बिजली स्रोतों और डीजल पंपों पर निर्भरता के कारण किसानों को बढ़ती लागत और अनियमित बिजली आपूर्ति की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या को हल करने के लिए भारत सरकार ने KUSUM (किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना की शुरुआत की, जिसका Phase II किसानों को सस्ती, प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल सिंचाई की सुविधा प्रदान करता है। यह योजना न केवल कृषि उत्पादन को बढ़ावा देती है, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करती है।